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लेखनी कहानी -06-Apr-2022 पैरोडी संसार

पैरोडी : ओ हंसिनी मेरी हंसिनी कहां उड़ चली 


यह पैरोडी "ओ हंसिनी  ओ हंसिनी कहां उड़ चली" गीत पर बनाई गई  है । एक व्यक्ति की बीवी बहुत मोटी है , बिल्कुल टुनटुन की नानी जैसी । जब वह चलती है तो धरती हिलने लग जाती है ।  तो उस पत्नी के लिए यह गीत समर्पित है पैरोडी के रूप में । आइए आनंद लेते हैं इस पैरोडी का । 
ओ हस्तिनी, मेरी हस्तिनी कहां भग चली 
मेरी दुनिया को पूरा हिला के, कहां भग चली 
ओ हस्तिनी, मेरी हस्तिनी  

जबसे तू आई हाल बुरा हो गया है मेरा 
मेरी दुनिया में देखो कैसा छा गया है अंधेरा 
ओ हस्तिनी, मेरी हस्तिनी कहां भग चली 
मेरी दुनिया को पूरा हिला के कहां भग चली 

जब तू चले तो ये धरती गगन हिल जाये 
जब तू बोले सब लोगों के लब सिल जाये 
ओ हस्तिनी मेरी हस्तिनी कहां भग चली 
मेरी दुनिया को पूरा हिला के कहां भग चली 

किसको सुनाऊं मैं मेरे दिल का जो है ये दुखड़ा 
खाना भी ना मिले जब देख लूं मैं तेरा मुखड़ा 
ओ हस्तिनी, मेरी हस्तिनी कहां भग चली 
मेरी दुनिया को पूरा हिला के कहां भग चली 

काश कि ऐसा हो तू ना कभी लौटकर आये 
मेरे दिल को भी थोड़ा सा चैन ओ करार मिल जाए 
ओ हस्तिनी मेरी हस्तिनी कहां भग चली 
मेरी दुनिया को पूरा हिला के कहां भग चली 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
18.6.22 

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4 Comments

Seema Priyadarshini sahay

22-Jun-2022 11:59 AM

बहुत खूबसूरत

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Hari Shanker Goyal "Hari"

22-Jun-2022 08:50 PM

💐💐🙏🙏

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Pallavi

19-Jun-2022 09:45 AM

Nice post 😊

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Hari Shanker Goyal "Hari"

22-Jun-2022 08:51 PM

💐💐🙏🙏

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